Friday, July 30, 2021

प्यार की हकीकत 💘

1.   प्यार की हकीकत 💘

हमारे प्यार की हकीकत हमीं से सुनो
सुनना है अफवाह तो फिर कहीं से सुनो 

बरसात का इंतजार कितनी शिद्दत से है
तरस रही आस लगाये ज़मीं से सुनो

प्यार के मुक़दमे का ख़ुद दिल गवाह है
जो कह रहा है, उसे पूरे यक़ीं से सुनो

रोटी पानी हवा तक बिकते हैं शहर में
जो ख़रीद के रहते हैं हाल*उन्हीं से सुनो

हुस्न जाल है इतना तो सब जानते हैं
मजाल है, ये सच किसी हसीं से सुनो

मोहब्बत में दर्द तुम्हें जहाँ से उठा है
आराम आएगा, ग़ज़ल वहीँ से सुनो
                      Love poetry image 

2.  अब न जाने कब मुलाकात होगी 

हमारे प्यार की गजब शुरुआत हुई 
मौसम बना गवाह और बरसात हुई 

दिन पर भी छाई रही एक मदहोशी 
बहकी रही शाम दिवानी रात हुई 

फ़िज़ाओं की तासीर भी हुई शीतल 
मासूम खयालों की जब मुलाकात हुई 

बहुत दिनों बाद आज मैं खुल के हँसा 
दोस्तों संग थोड़ी मस्ती थोड़ी खुराफात हुई 

अब न जाने कब मुलाकात होगी अपनी 
मगर ये मुलाकात बेशकीमती सौगात हुई 
                         ~Shailendra Kumar Mani 
                      Love poetry image 

2.    तेरे वादे 

याद आते हैं सब तेरे वादे 
वादा निभाएंगे कब तेरे वादे 

जब कभी झूठ बोलना होगा 
काम आयेंगे तब तेरे वादे 

बरसात बरस कर चली गई 
मुझे रूलाएँगे अब तेरे वादे 

नींद आ जाएगी इस शर्त पर 
मुझे सुलाएंगे जब तेरे वादे 

देर की तो बस मेरी राख मिलेगी 
ख़ाक हो जायेंगे सब तेरे वादे 
         ~Shailendra Kumar Mani 
                 Love poetry image 






Tuesday, July 20, 2021

ज़ज्बात के तालों से... Jajbaat ke taalon se

1. ज़ज्बात के तालों से... 

साथ में हैं हम वैसे तो कई सालों से
अजनबी हैं मगर आपसी ख़यालों से

कोई मुश्किल न थी बात करने में
बस थे मजबूर ज़ज्बात के तालों से 

दोष दें खुद को या रूढ़ि रिवाजों को 
खुद परेशान हैं जवाब इन सवालों से 

अफवाहें जो उड़ी हैं वो सच से बहुत दूर है 
दूर रहना शुरू कीजिए भड़काने वालों से 

भरपूर रौशनी को मशाल चाहिए ए लोगों 
अंधेरा नहीं मिटता रौशनदान के उजालों से 
                        Love poetry image 

2. आये महक रूमाल सी तेरे... 

गुज़रे दिनों की याद मुझे 
अब रह रह कर तड़पाती है 

अश्क मेरे खुब रोते हैं 
जब याद तुम्हारी आती है 

याद आये वो चमकता चेहरा 
धूप मुझे जब नहलाती है 

आये नजर माथे की बिंदिया 
रात चाँद जब चमकाती है 

आये महक रूमाल से तेरे 
बंद कली जब खिल जाती है 

भीड़ है जब तक साँस है चलती 
तन्हाई में मुश्किल बढ़ जाती है 

बिछड़ के भी जीता है ज़माना 
धड़कन दिल को समझाती है 
                      Love Poetry image 

3. दिल के क़ातिल को... 

छोड़कर जा रहा वो महफ़िल को 
दे रहा है दर्द मेरे खुश दिल को 

मै रास्ता हूँ वो मेरी मंज़िल है 
कोई तो रोक ले मेरी मंज़िल को 

उसके जाने से दिल ना धड़केगा 
कोई समझाये दिल के क़ातिल को 

एहसास होगा उसे कुछ ही दूर बाद
फिर मिल जाएगी लहर साहिल को 
                      Love poetry image

                             ~Shailendra Kumar Mani 

Sunday, July 18, 2021

Firte Rahe Gali me Teri

1. फिरते रहे गली में तेरी

सौ की सीधी एक बात मेरे यार कीजिए
दिल में उठा है प्यार तो इजहार कीजिए 

जैसे हैं आप वैसे सदा पेश आइए
अच्छा बुरा भला सब इकरार कीजिए

फिरते रहे गली में तेरी हमसफ़र मेरे
महफिल में भले आप ये इन्कार कीजिए

जिनको पहला प्यार सावन में हो गया था
बारिश में आँख बंद कर दीदार कीजिए 

हमको मिली है इश्क़ से जीने में ताजगी
जब भी कभी हो इश्क़ तो बेशुमार कीजिए 
                    Love poetry image

Sau ki sidhi ek baat mere yaar kijiye 
Dil me utha hai pyar to izhar kijiye 

Jaise hain aap vaise sada pesh aeye
Achha bura bhala sab ikrar kijiye 

Firte rahe gali me teri hamsafar mere 
Mahfil me bhale aap ye inkaar kijiye 

Jinko pahla pyar savan me ho gya tha 
Barish me aankh band kar didar kijiye 

Hamko mili hai ishq se jine me tazgi 
Jab bhi kabhi ho ishq to beshumar kijiye 

2. शेरों का लहजा़ नरम होता है 

लिख देने से दर्द थोड़ा कम होता है 
अगर दिल में दबा कोई ग़म होता है 

हमसे अधिक तजुर्बा न होगा तुमको 
हारे हुए को अक्सर ये वहम होता है 

पहला शख्स हूँ मैं जिसकी परछाई नहीं 
अँधेरे में ही अक्सर ये भरम होता है 

अक्सर शेर बहुत तेज गरजते हैं मगर 
ग़ज़ल में शेरों का लहजा नरम होता है 

यूँ मोहब्बत हो जाये तो मज़ा नहीं 
बरसात में बिजली कड़कना अहम होता है 
                  Love poetry image 

Likh dene se dard thoda kam hota hai
Agar dil me daba koi gam hota hai

Hamse adhik tajurba n hoga tumko 
Hare huye ko aksar ye vaham hota hai 

Pahla saksh hu mai jiski parchhai nhi 
Andhere me hi aksar ye bharam hota hai 

Aksar sher bahut tez garajte hain magar 
Gazal me shero ka lahja naram hota hai 

Yun mohabbat ho jaye to maja nhi 
Barsat me bijli kadkana aham hota hai 

3. बातों में लिपटा ज़हर 

नजदीक है कौन कैसे मै जानूँ 
जानने के लिए दूर तक जाना है 

अपनों में है अपना या पराया कोई 
जानने के लिए दूर तक जाना है 

मीठी बातों में लिपटा ज़हर तो नहीं 
जानने के लिए दूर तक जाना है 

जो रहम दिल लगा  बेरहम तो नहीं 
जानने के लिए दूर तक जाना है 

सोना सा चमके जो पीतल तो नहीं 
जानने के लिए दूर तक जाना है 
                     Love poetry image 

Najdik hai kaun kaise mai janu 
Janne ke liye door tak jana hai 

Apno me hai apna ya paraya koi 
Janne ke liye door tak jana hai 

Mithi baato me lipta jahar to nhi 
Janne ke liye door tak jana hai 

Jo raham dil laga beraham to nhi 
Janne ke liye door tak jana hai 

Sona sa chamke jo pital to nhi 
Janne ke liye door tak jana hai

                     ~Shailendra Kumar Mani 







Friday, March 5, 2021

इश्क़ (हिन्दी शायरी)

जो मुकम्मल नहीं वो इश्क़ नहीं है क्या
जो हासिल नहीं वो इश्क़ नहीं है क्या 

एक तरफ़ा प्यार में सिर्फ रास्ते ही हैं
जो मंजिल नहीं वो इश्क़ नहीं है क्या 

इश्क़ करने की चीज़ है जरूरी नहीं पाया जाए 
जो तिजारत नहीं वो इश्क़ नहीं है क्या 

दिलों पर एक दूसरे का नाम लिख दिया जाए 
जो वसीयत नहीं वो इश्क़ नहीं है क्या 

इश्क़ कोई खेल नहीं ये आग का दरिया है 
जो मुश्किल नहीं वो इश्क़ नहीं है क्या 
                                     ~शैलेन्द्र कुमार मणि 

                    Hindi shayari image

मुझे भी प्यार हुआ था एक बार 
पर उस रिश्ते का कोई नाम नहीं 

प्यार हो जाना बहुत आसान है 
आसान काम करना आसान नहीं 

मुझसे जाहिर ना हुआ प्यार कभी 
डर था कहीं नाम हो बदनाम नहीं 

प्यार में पड़ने को बेपरवाही चाहिए 
परवाह करते हुए ये आसान नहीं 
                          ~शैलेन्द्र कुमार मणि 

                    Hindi shayari image

तेरे मिलने के दिन 
फिर बिछड़ने के दिन 

याद आते हैं अब 
पर क्या फायदा 

क्यूँ कि तू ही नहीं 
अब दिल में मेरे 

मिल भी गई तो वो 
सुनहरा एहसास न होगा 

फिर भी सोचता रहता हूं 
ये सोच कर कि 
कुछ वक़्त कट जाएगा 
            ~शैलेन्द्र कुमार मणि 

                  Hindi shayari image











Tuesday, December 31, 2019

New Year 2020

                   New Year नया साल
                     (1)
कुछ सोच लो आगे क्या करना है
बदलना है या पहले जैसा रहना है 

डूबे हो तो उभरो 
ठहरे हो तो चलो 
कुछ करने की ठानो 
नया साल आ गया है  

दरिया बनो तुम लहर बनो 
अंधेरा चीरने वाला सहर* बनो 
सवालों का जवाब बनों 
कल नहीं आज ही आज बनों 
नया साल आ गया है

मंजिल के लिए ज़िद पालो 
मेहनत की बारिश में नहा लो  
खुद में दफन हो तो निकलो 
ज़िन्दा ज़हन हो तो चलो
नया साल आ गया है 

नफरत से तुम अकड़ जाओगे 
सूखे पेड़ की तरह उखड़ जाओगे 
ज़िन्दा कभी सूखते नहीं
मुश्किलों से टूटते नहीं 
सूखे पेड़ नहीं हो तुम हिलो 
हरे भरे पेड़ हो तुम जी भर खिलो 
नया साल आ गया है  
(सहर*=सुबह) 
                             - Shailendra K Mani 
                      (2)
घर से निकला था मै 
दिन नया साल था 
ऐसे नजरें मिली कि 
वो शरमा गई 
मेरे मासूम दिल को  
वो धड़का गई 
मुड़ के देखा जो मैने 
वो घबरा गई 
तेरे जैसा ही बिल्कुल 
मेरा हाल था 
दिन नया साल था 
दिन नया साल था 

प्यार के जैसा कुछ 
दिल को छू के गया 
दोस्तों ने कहा 
प्यार हो ही गया 
मेरे दिल में खुशी 
लब पे इनकार था 
बाद में मैंने माना 
हां मुझे प्यार था 
दिन नया साल था 
दिन नया साल था 
घर से निकला था मै 
दिन नया साल था 
                        - Shailendra K Mani 

                          (3)

नया साल बस शिक्षा का हो 
अब तो अंत अशिक्षा का हो 
मन से त्याग के 
जाति धरम 
करो परिष्कृत 
अपना करम 
नये साल कुछ नया करो 
खुल के खुद को बयां करो 
सुखमय पल आने वाला हो 
जीवन में साफ उजाला हो 
नया साल इस इच्छा का हो 
नया साल बस शिक्षा का हो 

अच्छा रख लो 
बुरे को त्यागो 
सीखो हर उस ठोकर से 
जहाँ जहाँ तुम गिरे पड़े 
उन उम्मीदों को फैलाओ 
जिससे हुए तुम उठ खड़े 
जिसमें हमने मापा खुद को 
सम्मान उस परीक्षा का हो 
नया साल बस शिक्षा का हो 

निपुण बनो अभ्यास करो 
कुण्ठित भावों का नाश करो 
निष्पक्ष ज्ञान है अर्जित करना 
नवीन जगत है सृजित करना 
प्रण इंसानियत की रक्षा का हो 
नया साल बस शिक्षा का हो 
                              - Shailendra K Mani 

                           (4)
 कुछ तो जरूर है नये साल में... 
जो हमें जगा देता है 
अंदर से खड़का देता है 
गिरे को उठा देता है 
सीधी लाइफ लाइन को 
हिला देता है 
पिछला साल आइना है 
नया साल ये बता देता है 
कुछ तो जरूर है नये साल में... 

थोड़ा सा जज़्बा दिखाओ 
नये साल के साथ हो जाओ 
तो सीने में आग लगा देता है 
सड़ी गली यादों को राख बना देता है 
उम्मीदों का दीप जला देता है 
तुम भी कुछ हो ये जता देता है 
कुछ तो जरूर है नये साल में... 

नामुमकिन को मुमकिन बना देता है 
गलतिओं को अतीत में बहा देता है 
अंधेरे में रौशनी दिखा देता है 
मंजिल पर से पर्दा उठा देता है 
थक गया है जो ताने सुन सुन कर 
उब गया है जो बासी सी जिंदगी से 
                 ' वो ' 
दिल में जोश भरकर निकल पड़ता है 
नयी उम्मीदों से मंजिल को चल पड़ता है 
कुछ तो जरूर है नये साल में... 
                                  - Shailendra K Mani 

                    (5)

नित जीवन के संघर्षों से 
मुश्किल का हल मिल जाता है 

मुश्किल को खुशियों में बदलकर 
जीना जिसको आता है 

टूटे अंतरमन को भी जो 
हौसलों से सहलाता है 

पूरी उर्जा से उठकर फिर 
मंजिल को बढ़ जाता है 

सही मायने में समझो तब 
जीवन सफल हो जाता है 
                                   - Shailendra K Mani 

                

हिन्दी ग़ज़ल 'शहर की शाम'

फैला दो पैगाम हमारे शहर में भीषण लगा है जाम हमारे शहर में धूप में हो बारिश सर्दी में चले पंखा   किस्से हैं यूँ तमाम हमारे शहर में माथे में द...