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Thursday, August 19, 2021

सफ़र

क्या हुआ क्या  हुआ 
जो अधूरा रहा 
मेरे दिल का शहर 
और इश्क़ का सफ़र 

मेरे दिल में अंधेरा 
ठहरा जो अब तक 
तेरी यादों से एक लौ 
जल जायेगी 
मोम सी रात है 
ठहरेगी कब तक 
याद की आंच  से 
रात पिघल जायेगी 
इसलिए तेरी यादों में 
डूबा रहा 
क्या हुआ क्या हुआ 
जो अधूरा रहा 
मेरे दिल का शहर ...
और इश्क़ का सफ़र... 

ग़म मेरा अब मेरा 
ठिकाना बना 
बस ज़रूरत ज़ख्मों को 
सीने की है 
बस गई है मेरी
 सांसों में तू 
बस यही एक वजह 
मेरे जीने की है 
इस तसल्ली से दिल में
नूर आ रहा 
क्या हुआ क्या हुआ 
जो अधूरा रहा 
मेरे दिल का शहर... 
और इश्क़ का सफ़र...
Love song
~Shailendra Kumar Mani 


Sunday, August 15, 2021

मैं पतंग तू है डोर

मेरे  इश्क़ मेरे

दिल का करार हो तुम

वो जो होता है

पहला सा प्यार हो तुम

खिलती कली सी हो

महकी बयार हो तुम

तपती ज़मीं की ख़ातिर

पहली फुहार हो तुम

तेरी आँखों से नजर जो मिली

दिल पे चली जैसे मीठी छुरियां

मैं पतंग तू है डोर

ले जा चाहे जिस ओर

मुझमें रात का अंधेरा

तू है मोतियों सी भोर

साथिया... बेलिया...

ओ पिया.. ओ पिया...


मौजूदगी तेरी महफ़िल के जैसी

प्यासे को जैसे कोई दरिया मिले

भटका हुआ हो मंज़िल से राही

राही को जैसे कोई ज़रिया मिले 

तू मिल गई है तो, सब मिल गया 

था जो नहीं मेरा, अब मिल गया 

मैं पतंग तू है डोर 

ले जा चाहे जिस ओर 

मुझमें रात का अंधेरा 

तू है मोतियों सी भोर 

साथिया... बेलिया... 

ओ पिया.. ओ पिया...



Saturday, August 14, 2021

धड़कनों से लिपटना ♥️

 हम तुमको चाहते

तुम्हें तुमसे मांगते

कर इतना तू करम

दे दिल को राहतें

तू ज़रूरी है इतना

जैसे दिल का धड़कना

तेरे दिल में रहकर

है धड़कनों से लिपटना


राहों में काँटे ही काँटे थे

तब तुमने उनको निकले थे

जब से तुम नजरों में आई हो 

तब से तुम मुझमे समाई हो 

फैसला, कर मेरे प्यार का 

दे सिला, अब इंतज़ार का 

तू ज़रूरी है इतना 

जैसे दिल का धड़कना 

तेरे दिल में रहकर 

है धड़कनों से लिपटना 


वादा है, तुझसे ये वादा है 

तू मुझमें, मुझसे भी ज्यादा है 

मिलके तू, ना बिछड़ना कभी 

राहों से, मेरी ना मुड़ना कभी 

सदा रहें हम इस कदर 

जैसे लहरें और सागर 

तू ज़रूरी है इतना 

जैसे दिल का धड़कना 

तेरे दिल में रहकर 

है धड़कनों से लिपटना 


~Shailendra Kumar Mani 





Wednesday, August 11, 2021

तुम्हारे शहर बरसात है

 तुम्हारे शहर बरसात है

हमारे शहर बरसात है

गजब हुआ इत्तेफाक

यहाँ भी वही बात है

वहाँ भी वही बात है

तुमसे मिलना कमाल होगा

खूबसूरत ख़यालात है

उफान पर ज़ज्बात है

रूमानियत के भी क्या कहने

बरसात है, तेरी याद है 

तू याद में मेरे साथ है 



(2)

तुमसे बिछड़ जाने के बाद

तन्हा से रह जायेंगे

अगर तुम्हारे नैनों से

छलके तो बह जायेंगे

प्यार हमारा अमर रहेगा

सबसे ये कह जायेंगे

जो भी दिल पे वार करो

ज़ख्म सभी सह जायेंगे

हमनशीं हमसाया हैं हम

कर साबित यह जायेंगे



Sunday, July 18, 2021

Firte Rahe Gali me Teri

1. फिरते रहे गली में तेरी

सौ की सीधी एक बात मेरे यार कीजिए
दिल में उठा है प्यार तो इजहार कीजिए 

जैसे हैं आप वैसे सदा पेश आइए
अच्छा बुरा भला सब इकरार कीजिए

फिरते रहे गली में तेरी हमसफ़र मेरे
महफिल में भले आप ये इन्कार कीजिए

जिनको पहला प्यार सावन में हो गया था
बारिश में आँख बंद कर दीदार कीजिए 

हमको मिली है इश्क़ से जीने में ताजगी
जब भी कभी हो इश्क़ तो बेशुमार कीजिए 
                    Love poetry image

Sau ki sidhi ek baat mere yaar kijiye 
Dil me utha hai pyar to izhar kijiye 

Jaise hain aap vaise sada pesh aeye
Achha bura bhala sab ikrar kijiye 

Firte rahe gali me teri hamsafar mere 
Mahfil me bhale aap ye inkaar kijiye 

Jinko pahla pyar savan me ho gya tha 
Barish me aankh band kar didar kijiye 

Hamko mili hai ishq se jine me tazgi 
Jab bhi kabhi ho ishq to beshumar kijiye 

2. शेरों का लहजा़ नरम होता है 

लिख देने से दर्द थोड़ा कम होता है 
अगर दिल में दबा कोई ग़म होता है 

हमसे अधिक तजुर्बा न होगा तुमको 
हारे हुए को अक्सर ये वहम होता है 

पहला शख्स हूँ मैं जिसकी परछाई नहीं 
अँधेरे में ही अक्सर ये भरम होता है 

अक्सर शेर बहुत तेज गरजते हैं मगर 
ग़ज़ल में शेरों का लहजा नरम होता है 

यूँ मोहब्बत हो जाये तो मज़ा नहीं 
बरसात में बिजली कड़कना अहम होता है 
                  Love poetry image 

Likh dene se dard thoda kam hota hai
Agar dil me daba koi gam hota hai

Hamse adhik tajurba n hoga tumko 
Hare huye ko aksar ye vaham hota hai 

Pahla saksh hu mai jiski parchhai nhi 
Andhere me hi aksar ye bharam hota hai 

Aksar sher bahut tez garajte hain magar 
Gazal me shero ka lahja naram hota hai 

Yun mohabbat ho jaye to maja nhi 
Barsat me bijli kadkana aham hota hai 

3. बातों में लिपटा ज़हर 

नजदीक है कौन कैसे मै जानूँ 
जानने के लिए दूर तक जाना है 

अपनों में है अपना या पराया कोई 
जानने के लिए दूर तक जाना है 

मीठी बातों में लिपटा ज़हर तो नहीं 
जानने के लिए दूर तक जाना है 

जो रहम दिल लगा  बेरहम तो नहीं 
जानने के लिए दूर तक जाना है 

सोना सा चमके जो पीतल तो नहीं 
जानने के लिए दूर तक जाना है 
                     Love poetry image 

Najdik hai kaun kaise mai janu 
Janne ke liye door tak jana hai 

Apno me hai apna ya paraya koi 
Janne ke liye door tak jana hai 

Mithi baato me lipta jahar to nhi 
Janne ke liye door tak jana hai 

Jo raham dil laga beraham to nhi 
Janne ke liye door tak jana hai 

Sona sa chamke jo pital to nhi 
Janne ke liye door tak jana hai

                     ~Shailendra Kumar Mani 







हिन्दी ग़ज़ल 'शहर की शाम'

फैला दो पैगाम हमारे शहर में भीषण लगा है जाम हमारे शहर में धूप में हो बारिश सर्दी में चले पंखा   किस्से हैं यूँ तमाम हमारे शहर में माथे में द...