Sunday, August 8, 2021

ग़ज़ल (Ghazal)

                            (1)

मेरे महबूब की, हर अदा एक ग़ज़ल
मुझको लगती है उसकी, दुआ एक ग़ज़ल 

उसकी नज़रों से मेरी,नज़र जब मिले
मेरी रग रग में पिघले,सदा एक ग़ज़ल 

उसकी खुशबु उड़े,तो मचल जाये दिल
लग रही है मुझे,अब हवा एक ग़ज़ल 

उसकी जुल्फों का एहसास,मखमल सा है
गा रही है बिखर कर,लटा एक ग़ज़ल

नैन,नक्श,जुल्फ,हुस्न से,सजेगी ग़ज़ल
हो रही मेरे दिल में,जवां एक ग़ज़ल
                    hindi shayari image 
                  
 
                            (2)

मेरे महबूब की, हर अदा एक ग़ज़ल 
मुझको लगती है उसकी, दुआ एक ग़ज़ल 

यूँ तो हम थे बड़े, काम के आदमी 
कर गयी मुझको मुझसे, जुदा एक ग़ज़ल 

इश्क़ की राह में, तुम संभल कर चलो 
तुमको कर देगी तुमसे, ख़फ़ा एक ग़ज़ल 

ग़र ग़ज़ल दिल के तह तक, पहुंच जाये तो 
लगने लगती है फिर, मयकदा एक ग़ज़ल 

हम मिलेंगे तुम्हें, काफिये की जगह 
बन गयी है हमारा, पता एक ग़ज़ल 
                     Hindi ghazal image 
                             (3)

मेरे महबूब की, हर अदा एक ग़ज़ल 
मुझको लगती है उसकी, दुआ एक ग़ज़ल 

मेरे ज़ख्मों में आई, काम मेरी ग़ज़ल 
डायरी में रखा था, छुपा एक ग़ज़ल 

प्यार की राह में, चोट खाए हैं जो 
उनको लगती है जैसे, दवा एक ग़ज़ल 

एक उम्मीद से, आये हैं सब यहाँ 
उनके दिल से करेगी, वफा एक ग़ज़ल 

जिंदा हैं हम अभी, आयेगी वो कभी 
कर के मुझसे गयी, वायदा एक ग़ज़ल 
                   Hindi ghazal image 
                               (4)

मेरे महबूब की हर अदा एक ग़ज़ल 
मुझको लगती है उसकी दुआ एक ग़ज़ल 

प्यार के फूल दिल में ग़र, हैं मुरझा गये 
ऐसे दिल के लिए है, बागबां एक ग़ज़ल 

भरना था ज़ख्म उल्टा, हरा कर दिया 
पड़ गयी है गले बन, बला एक ग़ज़ल 

ग़ज़ल की बस्ती में, मैंने हाल ए दिल पढ़ा
हो गयी सुन के खुद, ग़मज़दा एक ग़ज़ल 

जब भी सुनिए ग़ज़ल, प्यार दें मान दें 
रखती है खुद भी दिल, काँच सा एक ग़ज़ल 
                    Hindi ghazal image 
                           ~Shailendra Kumar Mani 







नीरज नीरज नीरज

घर से निकल कर
मिलों दूर चल कर 
बहुत कुछ त्याग
करना पड़ता है 
यूँ ही नहीं कोई बनता नीरज

सीने में आग भरकर
जीत की धुन में सन कर 
पसीने के साथ
पिघलना पड़ता है 
यूँ ही नहीं कोई बनता नीरज

एक राह को पकड़ कर
मंज़िल उसी को चुन कर 
गिरते पड़ते किसी तरह
चलना पड़ता है 
यूँ ही नहीं कोई बनता नीरज

गर्मियों में तप कर
सर्दियों में डट कर 
बरसात में बूँदों संग
बरसना पड़ता है
यूँ ही नहीं कोई बनता नीरज 

अतीत को भुला कर 
वर्तमान को सजा कर 
सुनहरे भविष्य के लिए 
तपना पड़ता है 
यूँ ही नहीं कोई बनता नीरज 

आँखों में ख्वाब भरकर
दिल में उम्मीद रख कर 
सपने को हकीकत में
बदलना पड़ता है 
यूँ ही नहीं कोई बनता नीरज
               Motivational Poetry Image 
                           ~Shailendra Kumar Mani 

Saturday, August 7, 2021

छम छम छम

                             (1)

पहन के पायल पावों में
जब चलती हो तुम छम-छम-छम
दिल में हलचल हो जाये
जब चलती हो तुम छम-छम-छम

चाँदी का माथा सोने की बिंदिया
आँखों से मेरी चुराए है निंदिया 
बढ़ाएं ये मेरी धड़कन धड़कन
जब चलती हो तुम छम-छम-छम

चमकते बहुत हैं तुम्हारे ये झुमके
कुछ कहते हैं मुझसे तुम्हारे ये झुमके
बेताबी बढ़ायें हर पल हर पल
जब चलती हो तुम छम-छम-छम

ये कंगन ये चूड़ी तुम्हारे हैं साथी
मेरे दिल से जुड़े जैसे दिया बाती 
तेरी याद दिलाएं हवायें ये सन सन
जब चलती हो तुम छम-छम-छम
                             (2)

एक दिन तुम आओगी
अपना पायल ले जाओगी
पायल तो ले जाओगी पर 
नहीं ले जा पाओगी
उस पायल की छम छम
मेरे दिल में ही रह जाएगी 
उस पायल की छम छम 

वो रूठना मनाना 
एक दूजे को सताना 
दौड़ने दौड़ाने में 
टूट जाएगी वो पायल 
पर नहीं टूट पाएगी 
उस पायल की छम छम
मेरे दिल में ही रह जाएगी 
उस पायल की छम छम

तुम्हारी एक पायल
जो रखी है मेरे पास 
तुम्हारे जाने के बाद 
कुछ ऐसे हो हालात 
कहीं छूट जाए 
तुम्हारी ये पायल 
पर नहीं छूट पाएगी 
उस पायल की छम छम
मेरे दिल में ही रह जाएगी 
उस पायल की छम छम
                   Love Poetry image 
                           ~Shailendra Kumar Mani 


Tuesday, August 3, 2021

💘ज़िन्दगी से मुलाकात

                   ज़िन्दगी से मुलाकात
                         (1)
ज़िंदगी में कुछ सवाल ऐसे होते हैं
ज़वाब मिल जाये तो बवाल होते हैं 

तुम्हें तो तजुर्बा है मेरे हाल का
रुसवाई में बेहाल, हम हर हाल होते हैं 

ज़माना ताने बहुत मारता है 
ग़र जुदा उससे, हमारे खयाल होते हैं 

अगले साल तरक्की जरूर मिलेगी हमें 
यही सोचते हुए ज़ाया, कई साल होते हैं 

लंबी छलांग के लिए थोड़ा पीछे जाओ 
फिर देखो कमाल, धमाल पर धमाल होते हैं 
                                 ( 2) 

मुझसे तेरी मुलाकात 
जब होगी ज़िंदगी 
सिर्फ काम की बात 
तब होगी ज़िंदगी 

पुराने हिसाब किताब 
और कुछ सवाल ज़वाब 
अब आराम से सुन 
ऐ ज़िंदगी मेरे ज़ज्बात 

कभी आधा पेट खाया 
कभी आधी नींद सोया 
सिर्फ़ तेरे लिए... 
तू बिखर न जाये 
तू ठहर न जाये 
चलता रहा चलता रहा 
ताकि तू संवर जाये 

वक़्त के साथ 
मैंने तुझे 
निखारा और संवारा
अब मैं सोउंगा 
और तू 
जागेगी सारी रात 
ऐ ज़िंदगी... 
अब रोज होगी मुलाकात 
और होगी 
थोड़ी दिल कि बात 
बाकी काम की बात 
                          ~Shailendra Kumar Mani 

             







Monday, August 2, 2021

💘उसका झुमका

                             (1) 

उसकी याद का मरहम लगा लेना
दिल के दर्द को दवा बना लेना 

बरसात में दिख जाये ग़र वो छाता लिये
कैसे भी करके तुम अपना छाता छुपा लेना

ख्वाब में ग़र वो धुंधली दिखे
सोई आँखों से चादर हटा लेना 

जब कभी याद आये वो तन्हाई में
अपनी साँसों में उसको बसा लेना 

उसका झुमका संजोए हो दिल में अगर
उसको धड़कन की घंटी बना लेना 
                         ~Shailendra Kumar Mani 
                    Love poetry image

                                 (2)

बिजली जैसे भी कड़कना पड़ता है
बादल बनके भी बरसना पड़ता है

जान से भी ज्यादा तुम्हें चाहे कोई
दिल बनकर उसका धड़कना पड़ता है

जुल्फ सुखाने आती है वो छज्जे पर
इस एक झलक पाने को तरसना पड़ता है 

सुना है हमने उसको जुगनू पसंद है
जुगनू पकड़ने घर से निकलना पड़ता है 

नया नया प्यार हुआ है पहली बार
दिल के साथ खुद भी मचलना पड़ता है 
                           ~Shailendra Kumar Mani 
                     Love poetry image

हिन्दी ग़ज़ल 'शहर की शाम'

फैला दो पैगाम हमारे शहर में भीषण लगा है जाम हमारे शहर में धूप में हो बारिश सर्दी में चले पंखा   किस्से हैं यूँ तमाम हमारे शहर में माथे में द...