Wednesday, November 23, 2022

हिन्दी ग़ज़ल 'शहर की शाम'

फैला दो पैगाम हमारे शहर में
भीषण लगा है जाम हमारे शहर में

धूप में हो बारिश सर्दी में चले पंखा 
 किस्से हैं यूँ तमाम हमारे शहर में

माथे में दर्द हो या पैरों में हो खिंचाव 
राखी है झंडू बाम हमारे शहर में

मूली यहाँ है फेमस मक्का है नामचीन 
ख़ास बहुत है आम हमारे शहर में 

सड़कों से निकल के जाम, 
है ग्लास में फँस जाता 
ऐसे है कटती शाम हमारे शहर में 
           ~Shailendra Kumar Mani

Thursday, August 19, 2021

सफ़र

क्या हुआ क्या  हुआ 
जो अधूरा रहा 
मेरे दिल का शहर 
और इश्क़ का सफ़र 

मेरे दिल में अंधेरा 
ठहरा जो अब तक 
तेरी यादों से एक लौ 
जल जायेगी 
मोम सी रात है 
ठहरेगी कब तक 
याद की आंच  से 
रात पिघल जायेगी 
इसलिए तेरी यादों में 
डूबा रहा 
क्या हुआ क्या हुआ 
जो अधूरा रहा 
मेरे दिल का शहर ...
और इश्क़ का सफ़र... 

ग़म मेरा अब मेरा 
ठिकाना बना 
बस ज़रूरत ज़ख्मों को 
सीने की है 
बस गई है मेरी
 सांसों में तू 
बस यही एक वजह 
मेरे जीने की है 
इस तसल्ली से दिल में
नूर आ रहा 
क्या हुआ क्या हुआ 
जो अधूरा रहा 
मेरे दिल का शहर... 
और इश्क़ का सफ़र...
Love song
~Shailendra Kumar Mani 


Sunday, August 15, 2021

मैं पतंग तू है डोर

मेरे  इश्क़ मेरे

दिल का करार हो तुम

वो जो होता है

पहला सा प्यार हो तुम

खिलती कली सी हो

महकी बयार हो तुम

तपती ज़मीं की ख़ातिर

पहली फुहार हो तुम

तेरी आँखों से नजर जो मिली

दिल पे चली जैसे मीठी छुरियां

मैं पतंग तू है डोर

ले जा चाहे जिस ओर

मुझमें रात का अंधेरा

तू है मोतियों सी भोर

साथिया... बेलिया...

ओ पिया.. ओ पिया...


मौजूदगी तेरी महफ़िल के जैसी

प्यासे को जैसे कोई दरिया मिले

भटका हुआ हो मंज़िल से राही

राही को जैसे कोई ज़रिया मिले 

तू मिल गई है तो, सब मिल गया 

था जो नहीं मेरा, अब मिल गया 

मैं पतंग तू है डोर 

ले जा चाहे जिस ओर 

मुझमें रात का अंधेरा 

तू है मोतियों सी भोर 

साथिया... बेलिया... 

ओ पिया.. ओ पिया...



Saturday, August 14, 2021

धड़कनों से लिपटना ♥️

 हम तुमको चाहते

तुम्हें तुमसे मांगते

कर इतना तू करम

दे दिल को राहतें

तू ज़रूरी है इतना

जैसे दिल का धड़कना

तेरे दिल में रहकर

है धड़कनों से लिपटना


राहों में काँटे ही काँटे थे

तब तुमने उनको निकले थे

जब से तुम नजरों में आई हो 

तब से तुम मुझमे समाई हो 

फैसला, कर मेरे प्यार का 

दे सिला, अब इंतज़ार का 

तू ज़रूरी है इतना 

जैसे दिल का धड़कना 

तेरे दिल में रहकर 

है धड़कनों से लिपटना 


वादा है, तुझसे ये वादा है 

तू मुझमें, मुझसे भी ज्यादा है 

मिलके तू, ना बिछड़ना कभी 

राहों से, मेरी ना मुड़ना कभी 

सदा रहें हम इस कदर 

जैसे लहरें और सागर 

तू ज़रूरी है इतना 

जैसे दिल का धड़कना 

तेरे दिल में रहकर 

है धड़कनों से लिपटना 


~Shailendra Kumar Mani 





Friday, August 13, 2021

मेरे दिल में रहना

नहीं जीना बिन तेरे

संग रहना है तेरे

तू धड़कन बन मेरी

मैं जीयूं संग तेरे

दिल में रहना रहना

मेरे दिल में रहना

दिल की धड़कन बनके

मेरे दिल में रहना


बारिशें, बादलों संग होती हैं

खुशबुएं, फूलों संग होती हैं

ये ज़मीं, धूप संजोती है

ये हवा, एक धुन पिरोती है

बारिशों, सी तू आजा

खुशबुओं,सी समा जा

दिल की यही है आरजू 

दिल में रहना रहना

मेरे दिल में रहना

दिल की धड़कन बनके

मेरे दिल में रहना


ख्वाब की है तू रानी मेरी

साँस की है तू रवानी मेरी

हो शुरू तुझसे कहानी मेरी

हो ख़तम तुझसे जिंदगानी मेरी

सुन मेरे साथिया

फैसला कर लिया

तुझसे ही राबता

दिल में रहना रहना

मेरे दिल में रहना

दिल की धड़कन बनके

मेरे दिल में रहना 

Hindi song image

~Shailendra Kumar Mani 

 

हिन्दी ग़ज़ल 'शहर की शाम'

फैला दो पैगाम हमारे शहर में भीषण लगा है जाम हमारे शहर में धूप में हो बारिश सर्दी में चले पंखा   किस्से हैं यूँ तमाम हमारे शहर में माथे में द...